tag:blogger.com,1999:blog-2735323913648056853.post5481736668641432772..comments2024-01-24T11:55:51.357+05:30Comments on बैरंग: सूबेदारनीसागरhttp://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2735323913648056853.post-33679780242083923722011-03-13T21:05:59.009+05:302011-03-13T21:05:59.009+05:30आपकी देर-आमद और इस कहानी को यहाँ पढ़ना एक उखद अहसास...आपकी देर-आमद और इस कहानी को यहाँ पढ़ना एक उखद अहसास है..और कहानी की पहली किश्त ही खुद मे डुबा लेने मे सक्षम है..एक रेगुलर से नोट पर शुरू हो कर उत्तरार्ध मे जिस तरह कहानी बिखरे हुए दिल की दरारों से रिसती जिंदगी तो जितनी तफ़सील से टटोलने लगी है..कि पाठक भी सुबेदारनी के दर्द मे शिद्दत से शरीक हो जाता है..विशेषकर हिंदी रूपांतर की तारीफ़ करूंगा..जिस तरह भाषा का लिहाफ़ बदलते हुए उसकी आत्मा को अछूता बचा अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2735323913648056853.post-12018601462093015032011-03-11T21:56:48.016+05:302011-03-11T21:56:48.016+05:30कहानी के लिए धन्यवाद हो गुरु. पर जरा यो मासिक पत...कहानी के लिए धन्यवाद हो गुरु. पर जरा यो मासिक पत्रिका 'पहरु' का कोई लिंक या प्रकाशक का पता इत्यादि दे देते तो ठीक जैसा हो जाता फिर ....<br /><br />pandeydeep72@gmail.comVICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2735323913648056853.post-27062155251076332972011-03-10T17:03:14.553+05:302011-03-10T17:03:14.553+05:30फिर??
कहानी में आगे क्या हुआ ठहरा??फिर??<br />कहानी में आगे क्या हुआ ठहरा??डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.com