डाकिए की ओर से: एक अज़ीज़ दोस्त ने बड़ा जेनुइन खरा माल भेजा है। एक्टर श्याम पर मंटो का संस्मरण। फिल्मी दुनिया के इन लोगों पर मंटो ने जो मंज़रनामा लिखा जो आगे चलकर मीनाबाज़ार के नाम से पब्लिश हुआ। इसे पढ़ा है दास्तानगोई वाले महमूद फारूखी ने।
साभार:
The Big Indian Picture
Curtsey: TBIP - http://thebigindianpicture.com
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जाती सासें 'बीते' लम्हें
आती सासें 'यादें' बैरंग.