Saturday, June 8, 2013

तू मन शुदी (राँझना म्युज़िक रिव्यू - 2)

राँझना का ऑडियो बिस्मिल्लाह खान को समर्पित किया गया है इसलिए इसके हर गाने में शहनाई की धुन जरुर सुनाई देती है। 'तू मन शुदी' रहमान के ही एल्बम 'रंग दे बसंती' की याद दिलाता है। ख़ास तौर पर 'रूबरू' या फिर दिल्ली सिक्स का थीम सॉंग। कारण इसका रिपिटेटिव होना नहीं बस एक आइडेंटिकल इसेंसं है। गीत की शुरुआत अशर के एक गाने 'येह!' की भी याद दिलाती है।
'तू मन शुदी' दरअसल फ़ारसी या का शाब्दिक अर्थ "तू मैं हो गया हूँ" है। लिखा अमीर ख़ुसरो ने है।

मन तू शुदम, तू मन शुदी, मन तन शुदम, तू जां शुदी,
टाक्स नागोयद बाद अज़ीन मन दीगाराम तू दीगारी।
(मैं तुम बन गया हूँ और तुम मैं, मैं जिस्म और तुम जान,
अब कोई ये नहीं कह सकता,"मैं कोई और हूँ और तुम कोई और।")



रहमान से मैं वैसे भी मेलोडी हर गाने में एक्स्पेक्ट नहीं करता। वो टेक्निकल ज्योंरे के कम्पोजर हैं। जो, जैसा की पहले भी कहा था यदा कदा बेहतरीन मेलोडी दे देते हैं, जैसे 'छोटी सी आशा' या 'तेरे बिन बेस्वादी'। इस एल्बम में भी एक दो मेलोडियस गाने हैं लेकिन 'तू मन शुदी' उनमें से नहीं है। ये गाना बाकी गानों से अलग है इस मायने में कि आपको धनुष के बदले अभय द्योल और वाराणसी के बदले दिल्ली इसी गाने में दीखता है। रहमान ने जब तक है जान के बाद रब्बी को फिर रिपीट किया है। लेकिन 'तू मन शुदी' गाना 'छल्ला' का एक्सटेंडेड वर्जन नहीं, बिलकुल ही अलग गाना है। बेस का इस्तेमाल गाने के शुरू में ही शुरू हो जाता है और अंत तक बना रहता है।
पंजाबी में आधे अक्षरों का अभाव और अक्षरों का हार्ड डिक्शन है इसलिए ये इंडियन हार्ड रॉक के लिए मुफीद भाषा बनी हुई है। जैसे,
"रंग दे हवावां वि घोढ़ी ते चढ़ी",
"रज्ज के हमसे वफाएं लेना, ताज़ा हवाएँ लेना।"
पंजाबी भाषा ही नहीं डिक्शन भी जैसे,
"पर न तू झूठा प्यार करी" में 'झूठा' को 'झुठ्ठा' और करी को 'करीं' बोलने से रॉक एफेक्ट आना ही आना है।
गाने को चार अंक। आधा अंक 'दिल्ली' 'संसद' जैसे शब्दों के वजह से कट जाता है। हाँ जरुर ये सिचुएशनल सॉंग रहा होगा लेकिन फिर भी इन शब्दों के वजह से एक अटकाव आता है। गीत के लिरिक्स का सबसे स्ट्रोंग पार्ट 'तू मन शुदी' ही है। और कुछ बोल, जैसे…
"जिसमें होगा सब जिंदा, शहर भी दिल के मानिन्दा, खुल (कुल्ल) कर सांस लेगा बाशिंदा।"
PS: ये रॉक गीत ठीक वहां से शुरू होता लगता है जहाँ साड्डा हक़ खत्म हुआ था।
TBC...


No comments:

Post a Comment

जाती सासें 'बीते' लम्हें
आती सासें 'यादें' बैरंग.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...