Saturday, June 8, 2013

बनारसिया (राँझना म्युज़िक रिव्यू - 3)

फर्स्ट थिंग फर्स्ट। गाने को पांच अंक। गाना बनारस का एंथम होने का माद्दा रखता है। और बनारस या यूपी के एड में इस तरह यूज़ किया जा सकता है कि एम. पी. के टूरिज्म एड को टक्कर दे सके।
श्रेया घोषाल: कमाल, रहमान: कमाल, इरशाद कामिल: कमाल, शहनाई: कमाल, म्युज़िक अरेंजमेंट: कमाल। और सबसे कमाल बनारसिया और उसका बनारस।
गाना शुरू होते ही आपको अपनी गिरफ्त में ले लेता है। ख़ास तौर पर जब आपने बनारस को नज़दीक से देखा हो, वहां रहे हों मगर वहां के मूल निवासी न हों। बनारस दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है। और ये खुद शहर आपको चिल्ला चिल्ला के कहता है। गदोलिया से केंट तक और दश्स्व्मेघ से मनेसर तक। काशी विस्वनाथ से टकसाल तक। और बंटी बबली से राँझना तक।
"रंग में भंग या भंग में रंग बनारसिया,
संग में जंग या जंग में संग बनारसिय।"
इरशाद की तारीफ़ इसलिए कि वो पूरे बनारसिया होकर इस गाने को लिखते हैं। कहीं भी उर्दू या पंजाबी के ग्लिम्पस नहीं। है तो थोड़ा बहुत बनारस का ही आंचलिक टच।
रहमान की तारीफ़ इसलिए कि वो पूरे बनारसिया होकर इस गाने को कम्पोज़ करते हैं। अपनी टेक्निकलटी नहीं आने देते। लाते हैं तो शहनाई।
श्रेया की तारीफ़ इसलिए कि वो पूरी बनारसिय होकर गाना गाती हैं। अपने पीठ पे अपेक्षाओं का भार नहीं आने देतीं। बेफिक्री में गाती हुई लगती हैं। जबकि गाना गायकी के लिहाज़ से पिछले कुछ समय में आये मुश्किल गानों में से एक है। ख़ास तौर पर बंदिशें, सरगम वगैरह। गाना सेमाई क्लासिकल और क्लासिकल के बीच के स्पेक्ट्रम का है। पर सुनने में आसान और खूबसूरत लगता है। गोया चार्ली चैपलीन या रोवन ऐटीनकसन की कॉमिक टाइमिंग, जिसके पीछे की मेहनत दर्शकों को नज़र नहीं आती।
इर्शाद इस गाने में शब्दों के साथ खेलते हैं। बानारसिया को तोड़कर बना रसिया की तरह भी इस्तेमाल कर लेते हैं। और कमाल कर देते हैं।
"घाट किनारे उमर गुज़ारी,घाट बना 'रसिया'।"
केवल इस गाने भर के लिए पूरे म्युज़िक क्रू को नेश्नल अवार्ड दिया जा सकता है। रहमान का ये गाना मेलोडियस भी कहा जा सकता है। और क्रेडिट श्रेया की गायकी को दिया जा सकता है।
हाय कहना उनका और ओये ओये ओये से गीत का आगाज़ करना।
PS: धानुष की तारीफ़ इसलिए कि वो प्रोमो में पूरे बनारसिया लगते हैं। अपना दक्षिण भारतीय ऑरा भूल गये हों। "फट गयी है, सियोगे"। या फिर थप्पड़ खाने के बाद हाथों को हिलाना। गोया पूरी बॉडी लेंग्वेज कह रही हो। देखा कहा था न थप्पड़ पड़ेगा। बिग डील।
सुना है नेशनल अवार्ड विनर हैं वो।

TBC...

5 comments:

  1. Replies
    1. ये लो। समीक्षक से पूछते हो किताब कहां है।
      :-(

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  2. बस तीन? missed tbc... at the end of this post.. :)

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    Replies
    1. सॉरी। अभी तो मेरे दो पर्सनल फेवरेट गाने बाकी हैं। :-)

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    2. फिर ठीक... looking forward to read about them :)

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जाती सासें 'बीते' लम्हें
आती सासें 'यादें' बैरंग.

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